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स्नोव्हाइट और सात बौने

ए.एच.डब्यू. सावन

प्रकाशक : मनोज पब्लिकेशन प्रकाशित वर्ष : 2007
पृष्ठ :16
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 4781
आईएसबीएन :81-310-0206-3

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बच्चों के लिए विश्व-प्रसिद्ध परी कथाएँ....

Snowhite Aur Saat Baune A Hindi Book A.W.H. Sawan

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

स्नोव्हाइट और सात बौने

ठंड के मौसम में एक राज्य की सुंदर रानी महल की खिड़की पर बैठी स्वेटर बुन रही थी और बाहर रुई के फाहों सरीखी बर्फ गिर रही थी। तभी बुनाई की सलाई उसकी उंगली में चुभ गई। तीन बूंदें खून की खिड़की के काले शीशम के फ्रेम पर गिरीं और एक बूंद नीचे बर्फ पर टपक गई।

‘‘काश ! मेरे एक बेटी होती जिसका शरीर बर्फ—सा श्वेत होता, खून जैसे लाल उसके होंठ होते और शीशम की तरह होते उसके काले चमकते बाल।’’ ऐसा कह रानी ने आह भरी।

चमत्कार से ऐसा ही हुआ। नौ माह पश्चात रानी के बेटी हुई जिसका शरीर बर्फ की तरह सफेद था, होंठ खून जैसे लाल और शीशम से काले चमकते बाल थे उसके। माता-पिता ने उसका नाम ही रख दिया ‘स्नोव्हाइट’ अर्थात् बर्फ जैसी चिट्टी।
पर उसके जन्म के कुछ दिन पश्चात ही रानी चल बसी।

राजा को अपनी रानी से अगाध प्रेम था, पर अब उसे स्नोव्हाइट के लिए मां चाहिए थी। इसलिए उसने दूसरे विवाह के लिए राजकुमारी तलाश की।

राजा ने एक राजकुमारी से विवाह किया, जो बसंत ऋतु की भांति मोहिनी थी, पर उसका दिल था शीत ऋतु जैसा ठंडा, और उसे कुछ काला जादू-मंतर भी आता था। अपने हुस्न का उसे इतना गुमान था कि वह मानती ही नहीं थी उस जैसी सुंदर और भी कोई हो सकती है। वह अपने साथ केवल सोने के फ्रेम में जड़ा एक जादुई दर्पण लाई थी।


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